अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harshvardhan), जो COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं, ने शुक्रवार को 34-सदस्यीय WHO एक्जीक्यूटिव बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला.

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने आज 34 सदस्यीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक्जीक्यूटिव बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला. स्वास्थ्य मंत्री, जो COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्होंने जापान के डॉ. हिरोकी नकातानी के बाद इस पद को ग्रहण किया है.
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक पदभार ग्रहण करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) ने कहा, “मुझे पता है कि मैं इस महामारी (Pandemic) के कारण वैश्विक संकट के समय इस कार्यालय में आ रहा हूं. एक ऐसे समय में जब हम सभी समझते हैं कि अगले 2 दशकों में कई स्वास्थ्य चुनौतियां आने वाली हैं. इन सभी चुनौतियों के लिए एक साझा जवाब जरूरी है.”
हेल्थ असेंबली के निर्णयों और नीतियों को लागू कराने का काम करता है एक्जीक्यूटिव बोर्ड
एक्जीक्यूटिव बोर्ड के मुख्य कार्य हेल्थ असेंबली के निर्णयों और नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए सलाह देने और आमतौर पर इसके काम को सुविधाजनक बनाने का है.
पिछले साल, WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया समूह ने सर्वसम्मति से मई की शुरुआत के लिए तीन साल की अवधि के लिए एक्जीक्यूटिव बोर्ड में भारत के उम्मीदवार का चुनाव करने का फैसला किया था. भारत को एक्जीक्यूटिव बोर्ड में शामिल करने के प्रस्ताव पर मंगलवार को 194 देशों की संस्था WHO ने हस्ताक्षर किए.
एक साल के लिये ही होता है अध्यक्ष पद, रोटेशन प्रक्रिया के हिसाब से दिया जाता है
क्षेत्रीय समूहों के बीच अध्यक्ष का पद एक वर्ष के लिए रोटेशन द्वारा आयोजित किया जाता है और यह पिछले साल तय किया गया था कि शुक्रवार से शुरू होने वाले पहले वर्ष के लिए भारत का उम्मीदवार एक्जीक्यूटिव बोर्ड का अध्यक्ष होगा.
एक अधिकारी ने बताया, यह एक पूर्णकालिक असाइनमेंट नहीं है और मंत्री सिर्फ एक्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठकों की अध्यक्षता करने की जरूरत होगी.
बोर्ड में तीन साल के लिए चुने जाते हैं सदस्य
कार्यकारी बोर्ड में 34 लोग शामिल होते हैं, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी रूप से योग्य होते हैं. प्रत्येक को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (Word Health Assembly) के जरिए ऐसा करने के लिए चुने गए सदस्य-देश नामित करते हैं. सदस्य देश को तीन साल के लिए चुना जाता है.
वर्ष में बोर्ड कम से कम दो बार मिलते हैं और मुख्य बैठक आमतौर पर जनवरी में होती है, हेल्थ एसेंबली के तुरंत बाद मई में दूसरी छोटी बैठक होती है.